
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ सरकार का स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण दिशा निर्देश और 7 अगस्त के कैविएट आदेश ने प्रदेश भर के शिक्षकों में खलबली मचा दी है प्रदेश के कई शिक्षक संगठन इसे लेकर सक्रिय हो गए हैं। इस पर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने गहरी नाराजगी जताते हुए आक्रोश व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेसन के जिलाध्यक्ष कुमेन्द्र कश्यप का कहना है कि युक्तियुक्तकरण आदेश के तहत जो सन 2008 के न्यायपूर्ण सेटअप को ही बदल दिया गया है। नया सेटअप एवं युक्तियुक्तकरण आदेश,छत्तीसगढ़ के आमजन, युवा, छात्र एवं शिक्षकों के साथ अन्याय है। शिक्षक नेता कुमेंन्द्र कश्यप बताते है कि पूर्व सेटअप में प्राथमिक शाला में एक प्रधान पाठक तथा दो सहायक शिक्षक अनिवार्य थे, लेकिन युक्तियुक्तकरण के दिशा-निर्देश अनुसार अब प्रधान पाठक को ही शिक्षक के रूप में गणना कर एक शिक्षक का पद और मिडिल स्कूल में 1 प्रधान पाठक एवं न्यूनतम 4 शिक्षक की संख्या को बदलकर प्रधान पाठक को भी शिक्षक के रूप में गणना कर वहां भी इस स्वीकृत पद को विलोपित किया जा रहा है। जिला उपाध्यक्ष खोमन सिन्हा का कहना है कि हाईस्कूल में भी अतिरिक्त 10 छात्र पर एक अतिरिक शिक्षक की नियुक्ति को बदलकर उसे समायोजित कर दिया गया है। युक्तियुक्तकरण में दिए इस नए सेटअप से पूरे छत्तीसगढ़ में लगभग पचास हजार से ऊपर शासकीय शिक्षकों के पद विलोपित हो जाएंगे। हजारों बेरोजगार युवा पद सृजित न होने पर रोजगार से वंचित हो जाएंगे। इससे शासकीय स्कूलों को बर्बाद कर निजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने की मंशा स्पष्ट नजर आ रही।