जल संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी – मुख्यमंत्री साय

जल संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी – मुख्यमंत्री साय

 

रायपुर (गंगा प्रकाश)। पानी प्रकृति का अनमोल उपहार है जिसे ईश्वर ने हमें बेमोल दिया है , लेकिन हमें इसका मोल समझना होगा। आज पूरा विश्व जल संकट से जूझ रहा है। देश-दुनियां के कई शहरों में भू जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है। यदि समय रहते हम सचेत नहीं हुये तो जल संकट विकराल रूप धारण कर सकता है। हम सभी को पानी की एक-एक बूंद को सहेजना होगा। जल संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है। जल प्रबंधन आज समय की मांग है। हमें आने वाली पीढ़ियों के बेहतर जीवन के लिये जल के प्रबंधन , संरक्षण के साथ ही जल स्रोतों के संवर्धन पर विशेष ध्यान देना होगा।

                                            उक्त बातें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एयरपोर्ट के पास स्थित जैनम मानस भवन में इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के 57वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि वैश्विक जलवायु संकट के परिपेक्ष्य में जल संरक्षण और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण के लिये जल जीवन मिशन , जल शक्ति अभियान , अमृत सरोवर , मिशन अमृत और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियान शुरू कर जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। पीएम मोदी ने प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये हर घर नल से जल योजना शुरू की। हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये नल कनेक्शन प्रदान किया है , जिससे लोगों के घरों में साफ पानी पहुंचने से उनका स्वास्थ्य स्तर भी सुधरा है और ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सकारात्मक बदलाव आया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इंडियन वॉटर एसोशिएसन की स्मारिका का विमोचन भी किया।इसी कड़ी में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि देश भर से आये इंजीनियर्स , जल संरक्षण के विषय विशेषज्ञ जल संरक्षण के विषय में गहन विचार विमर्श करेंगे और जल संरक्षण के लिये रणनीति तैयार करने में योगदान देंगे। उल्लेखनीय है कि इंडियन वॉटर एसोशिएसन की मेजबानी में दूसरी बार राजधानी रायपुर में 10 से 12 जनवरी तक आयोजित किये जा रहे , इस अधिवेशन में जल-360 डिग्री की थीम रखी गई है। अधिवेशन में देश के चार सौ जल विशेषज्ञ और अनुभवी इंजीनियर शामिल हो रहे हैं। अधिवेशन में जल , अपशिष्ट जल उपचार और सतत प्रबंधन में नवीन टेक्नोलॉजी को शामिल करने पर विचार-विमर्श किया जायेगा।

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