Cgnews:आईजी संजीव शुक्ला का धमाकेदार निरीक्षण: पुलिसिंग में अनुशासन, तकनीक और जवाबदेही का बड़ा संदेश

32 बिंदुओं पर हुई समीक्षा, लंबित अपराधों पर जताई नाराजगी, आधुनिक पोर्टल्स के उपयोग का दिया सख्त निर्देश
अरविंद तिवारी
कोरबा (गंगा प्रकाश)। बिलासपुर रेंज के तेजतर्रार आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने दो दिवसीय कोरबा प्रवास के दौरान जिले की पुलिस व्यवस्था को हिला कर रख दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब ‘लचर कार्यशैली’ और ‘अनावश्यक विलंब’ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। एसपी कार्यालय के सभागार में जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना-चौकी प्रभारियों और शाखा प्रमुखों की बैठक में उन्होंने 32 अहम बिंदुओं पर समीक्षा की और हर एक अधिकारी को ज़िम्मेदारी का आईना दिखाया।
बैठक में क्या हुआ खास? पढ़िए बड़ी बातें
1. अपराध दर्ज, लेकिन निराकरण क्यों लंबित?
आईजी शुक्ला ने स्पष्ट शब्दों में कहा—”अपराध दर्ज करने के बाद महीनों तक उसे अधर में छोड़ देना पुलिसिंग के सिद्धांतों के खिलाफ है। अब हर केस का निपटारा 60 से 90 दिनों में सुनिश्चित किया जाए।”
2. अनुशासन ही पहचान है
उन्होंने नियमित परेड, विवेचकों की डायरी की साप्ताहिक समीक्षा और अधिकारियों की निगरानी को अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा, “एक अनुशासित बल ही जनता का विश्वास जीत सकता है।”
3. तकनीकी दक्षता ही नई पुलिसिंग है
बैठक में ई-साक्ष्य, CCTNS, साइबर पोर्टल, एनसीआरबी, समन्वय पोर्टल, और आईओ मितान पोर्टल के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
“डिजिटल इंडिया का मतलब है—डिजिटल पुलिसिंग,” उन्होंने कहा।
4. सुशासन तिहार और जनशिकायतें भी एजेंडे में
जनता से मिली शिकायतों, सुशासन तिहार में आए प्रकरणों और पुलिस पर लगे आरोपों की सघन समीक्षा की गई। हर केस का वैधानिक और संवेदनशील निराकरण करने के निर्देश दिए गए।
5. बीट प्रणाली होगी और मजबूत, जिम्मेदारियाँ तय
हर बीट अफसर अब सिर्फ नाम का नहीं, काम का होगा। विकेन्द्रीकरण के साथ हर पुलिसकर्मी को सीधी जवाबदेही के दायरे में लाया जाएगा।
फायर एंड सेफ्टी टीम ने दिया जीवनरक्षक प्रशिक्षण
नगर सेवा से आए फायर एंड सेफ्टी अधिकारियों ने पुलिस टीम को बताया कि किसी भी आकस्मिक आगजनी की स्थिति में कैसे फुर्ती और समझदारी से जान-माल की रक्षा की जाए। यह प्रशिक्षण आधुनिक उपकरणों के साथ मौके पर दिया गया।
कौन-कौन रहे मौजूद?
इस विशेष निरीक्षण बैठक में कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी, एडिशनल एसपी नीतिश ठाकुर, नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का व विमल पाठक, डीएसपी पंकज ठाकुर, रक्षित निरीक्षक अनथराम पैकरा समेत समस्त थाना/चौकी प्रभारी शामिल रहे।
IG ने दी चेतावनी — “अब लापरवाही नहीं चलेगी!”
डॉ. संजीव शुक्ला ने बैठक के अंत में दो टूक कहा—
“अब हर अधिकारी को ये तय करना होगा कि वह इस सिस्टम का भार है या भागीदार। आने वाले छह महीने पुलिस के लिए चुनौती और अवसर दोनों होंगे।”
निष्कर्ष:
आईजी का यह दौरा सिर्फ निरीक्षण नहीं था, बल्कि एक बड़ा संदेश था— अब पुलिसिंग में सिर्फ वर्दी नहीं, समझदारी, तकनीक और संवेदनशीलता भी अनिवार्य है। कोरबा पुलिस अब एक नई कार्यशैली की ओर बढ़ रही है—सख्त, सजग और स्मार्ट।