CGNEWS:”विकास की गूंज पहुँची जंगलों तक: दंतेवाड़ा के सुदूर गांव मुलेर में मुख्यमंत्री की घोषणाएं बनीं हकीकत!”

CGNEWS:”विकास की गूंज पहुँची जंगलों तक: दंतेवाड़ा के सुदूर गांव मुलेर में मुख्यमंत्री की घोषणाएं बनीं हकीकत!”

 

रायपुर/दंतेवाड़ा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ की धरती पर अब विकास सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वह उन दूरस्थ इलाकों तक अपनी धमक दिखा रहा है जहाँ कभी पहुंचना भी चुनौती माना जाता था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के अति संवेदनशील और सुदूर वनांचल ग्राम मुलेर का दौरा किया था — और अब उनकी घोषणाएं जमीनी हकीकत बनती दिख रही हैं!

जनता की पुकार, सीएम की फटाफट मंजूरी!

जब मुख्यमंत्री अचानक ग्राम मुलेर के विकास शिविर में पहुंचे, तो जैसे पूरे गांव की धड़कनें तेज हो गईं। गांववालों ने स्वास्थ्य केंद्र, पक्की सड़कें और सामुदायिक डोम शेड की मांग रखी — और मुख्यमंत्री ने किसी नौकरशाह की तरह नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की तरह तुरंत मंजूरी दे डाली।

21.54 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति से धमाका!

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रशासन ने गज़ब की फुर्ती दिखाई और महज़ कुछ ही दिनों में 21.54 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस राशि से निम्नलिखित कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है:

  • एक उपस्वास्थ्य केंद्र की स्थापना
  • तीन सीसी सड़कें — ताकि गांव में हर मौसम में आवागमन बना रहे
  • डोम शेड निर्माण — सामुदायिक आयोजनों और ग्राम सभाओं के लिए सुविधाजनक स्थान

“अब हमारे गांव में भी उजाला आएगा!” — भावुक ग्रामीण

मुख्यमंत्री को अपने गांव में देखकर बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं और युवाओं में जोश भर गया। एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा, “पहली बार किसी मुख्यमंत्री को हमारे गांव की गलियों में देखा है, और वो भी सुनने और काम करने आए थे! अब हमारे गांव में भी उजाला आएगा।”

सुशासन की असली तस्वीर: जंगलों में भी बज रही विकास की बांसुरी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह त्वरित कार्रवाई बताती है कि अब शासन वास्तव में जनता के द्वार तक पहुंच रहा है। विकास केवल राजधानी तक सीमित नहीं, बल्कि अब मुलेर जैसे अति नक्सल प्रभावित और सुदूर इलाकों तक भी उसका असर दिखने लगा है।

निष्कर्ष:

यह पहल न सिर्फ मुलेर गांव के लिए बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है — जहाँ नेतृत्व दृढ़ हो, प्रशासन तत्पर हो और जनता सजग हो, वहाँ सुशासन की तस्वीर वाकई बदल जाती है।

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