
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। प्रदेश में महिलाओं और बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति दिलाने मुख्यमंत्री सुपोषण आंगनबाड़ी का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को दूर करने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक आहार के साथ आवश्यक स्वास्थ्य सलाह भी दिया जा रहा है। योजना से लाभावंचित होकर महिलाएं एवं बच्चे कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त हो रहे हैं l। इसी योजना के फलस्वरूप फिंगेश्वर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सरकड़ा की रहने वाली चूकेश्वरी बरिहा एनीमियां से मुक्त हो गई है योजना अंतर्गत चुकेश्वरी को गर्भावस्था के दौरान आंगनबाड़ी में गर्म भोजन दिया गया साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सलाह भी दिया गया। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में प्रतिमाह टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जांच भी किया गया। आंगनबाड़ी में मिले पौष्टिक आहार और आवश्यक सलाह के फलस्वरूप चुकेस्वरी एनीमिया से मुक्त हो गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि चुकेश्वरी का हीमोग्लोबिन पहले 9 ग्राम था जो कि आंगनबाड़ी में गर्म भोजन और पौष्टिक आहार मिलने के कारण 12 ग्राम हो गया है। सुपोषित आहार के नियमित सेवन से चुकेश्वरी को उनके प्रसव के समय स्वास्थ्य गत समस्याएं नहीं हुई। उन्होंने 3 किलो 200 ग्राम के बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। प्रसव के बाद भी चुकेश्वरी का हीमोग्लोबिन 12 ग्राम बना रहा। प्रसव के उपरांत भी उनको रेडी टू ईट के प्रयोग आयरन कैल्शियम गोली के नियमित सेवन स्वच्छता का ध्यान रखने तथा अपने भोजन में हरी सब्जियों एवं पौष्टिक आहार का नियमित सेवन करने की सलाह दी गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गृह भेंट के दौरान उनके पति और उनकी सास को भी यह सब बातें बताए साथ ही बच्चों के नियमित टीकाकरण के बारे में भी जागरूक किया गया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत चुकेश्वरी को गर्भावस्था और प्रसव के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दिए गए आवश्यक सलाह एवं देखभाल के तरीको कारण उन्हें एनीमिया से मुक्ति मिली साथ ही उन्हें बच्चे को भी स्वास्थ गत परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा।