15 दिसंबर के बाद 15 जनवरी तक रहेगा खरमास, इस दौरान नहीं होंगे, शुभ कार्य, मकर संक्रांति से फिर प्रारंभ होंगे शुभ कार्य

फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)।लगभग 5 माह के बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद से मांगलिक कार्यो की शुरूआत हुई थी। इस दौरान 20-21 दिनों में खूब शहाईयां बजी। अब विवाह के शुभ मुहूर्त दिसंबर में मात्र 3 दिन बाकी है। आखिरी शुभ मुहूर्त 15 दिसंबर को है। इसके बाद खरमास के कारण विवाह पर ब्रेक लग जाएगा। दिसंबर में शादी के लिए भी 13, 14, 15 तिथि बाकी है, खरमास 16 दिसंबर से लग रहा है। खरमास का समापन 15 जनवरी 24 को मकर संक्रांति पर होगा। मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है और खरमास समाप्त हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास यानी मलमास भगवान विष्णु का महीना होता है। मलमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पूजा-अर्चना कर सकते है। मलमास में विवाह अन्य मांगलिक कार्य वर्जित होते है। नगर के पंडित दिनेश शर्मा ने बताया कि खरमास में गृह निर्माण और गृह प्रवेश भी वर्जित होता है लेकिन जो कार्य पूर्व निश्चित है, उन्हें संपन्न किया जा सकता है। इसके साथ ही दिसंबर के 21 दिनों में 12 दिन पूजा-व्रत की विशेष तिथियां रहेगी। इनमें उत्पन्न, मोक्षदा एकादशी और स्नान दान की पूर्णिमा भी है। 23 को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती मनाई जाएगी। पंडितों के अनुसार शुभ खरीददारी के लिए अब 7 दिन (16, 21, 22, 25, 29) सवार्थ सिद्धि, 25 को अमृत सिद्धि और 29 दिसंबर को पुष्य नक्षत्र योग रहेगा। मोक्षदा एकादशी 23 को 22 दिसंबर को सुबह 8.15 बजे दशमी तिथि है। 8.16 बजे से एकादशी तिथि शुरू होगी। इस दिन दशमी युक्त एकादशी है जो शास्त्रों में वर्जित है। एकादशी 23 दिसंबर को सुबह 7.10 बजे तक रहेगी। चूंकि यह सूर्योदय के काल में भी व्याप्त होगी। इसलिए इस दिन मोक्षदा एकादशी मानी जाएगी। 15 जनवरी खरमास समाप्त होगा इसके बाद सभी शुभ कार्य मुहूर्त अनुसार किए जा सकेंगे।

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