प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे स्वामी विवेकानंद जयंती मनाया गया

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। राष्ट्रीय युवा दिवस पर शासन के निर्देशानुसार प्राथमिक शाला सिर्रीखुर्द मे तंबाकू निषेध पर शपथ लिया गया और स्वामी विवेकानंद जयंती मनाया गया शिक्षक खोमन सिन्हा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता मैं हुआ था उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था उनके गुरु श्री राम कृष्ण परमहंस थे पिता विश्वनाथ दत्त वकील थे और माता श्रीमती भुनेश्वरी देवी थी उन्होंने रामकृष्ण मठ के साथ साहित्यिक कार्य राजयोग कर्म योग भक्ति योग मेरे गुरु अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए न्यूयॉर्क में वेदांत सिटीए कैलिफोर्निया में अध्दैत आश्रम की स्थापना किया था इनकी देहांत 4 जुलाई 1902 वेलूरमठ कोलकाता में हो गया स्वामी विवेकानंद का कथन था उठो जागो तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए जब तक जीना तब तक सीखना है अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है वह हमेशा कहते थे कि लोगों की निंदा से परेशान होकर अपना रास्ता ना बदलना क्योंकि सफलता शर्म से नहीं साहस से मिलती है जिंदा हो तो निंदा भी होगी क्योंकि तारीफ तो मरने के बाद हुआ करती है तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता कोई आध्यात्मिक नहीं बन सकता तुमको सब कुछ अंदर से सीखना है आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं कामयाबी के दरवाजे उन्हीं के लिए खुलते हैं जो उन्हें खटखटाने की ताकत रखते हैं स्वामी जी विश्व के भारतीय संस्कृति को समर्पित करने वाले महान आध्यात्मिक समाज सुधारक युवाओं की प्रेरणा श्रोत रहे उन्होंने कहा था जीवन में सब कुछ अस्थाई है अगर सब कुछ अच्छा चल रहा है तो उसका आनंद लेते रहे क्योंकि वह हमेशा रहने वाला नहीं है संघर्ष जितना बड़ा होगा जीत उतनी ही शानदार होगी स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्व गगन वही प्रेरणा पुंज हमारे पूज्य स्वामी विवेकानंद जी का संदेश हर युवा के दिन में एक चित्र के रूप में शोभायमान होना चाहिए साथ ही सभी छात्र.छात्राओं शिक्षक एवं ग्राम वासियों ने नशा न करने का शपथ लिया जिसमें प्रमुख रूप से शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष खिलावन साहू उपाध्यक्ष ज्योति वर्मा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पूर्णिमा सेन शिक्षक घनश्याम कंवर चुमेश वर्मा भागाबाई मंदाकिनी साहू धनेश्वरी विनम्रता सोनम खेमूराम डेरहाराम भूषण निषाद इंद्र कुमार खिलेश्वर दुर्गेश विश्वकर्मा प्रियांशु कंडरा निरूपा निषाद लीलाराम मतावले शिक्षक खोमन सिन्हा उपस्थित रहे

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