गौठानों में रख-रखाव न होने से यातायात के मार्ग में जानवरों का लगता है डेरा, हमेशा दुर्घटना की रहती है आशंका

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। घुमंतू आवारा पशुओं की यातायात मार्गो पर बहुतायत से दुर्घटना की आशंका लगातार बलवती होती जा रही है। विधानसभा चुनाव के बाद तो जैसे हर तरफ की सड़को में जानवरों का झुंड बढ़ता ही जा रहा है। गांव गांव में बनाए गए गौठान रख रखाव बंद होने से उपयोगी विहिन हो गए है। इन दिनों एक बार फिर क्षेत्र के ग्राम्यांचल में जानवर भटकते हुए दिखाई दे रहे है। मुख्य मार्गो पर आवाजाही रास्तों में जानवरों के घूमने एवं बैठने से कभी भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अंचल के गांव गांव में दो चक्का वाहनों की बहुतायत एवं नाबालिग नौसिखिया के दो चक्का वाहनों के धड़ल्ले से दौड़ाने एवं यहां वहां यदा कदा बैठे जानवर के कारण यातायात काफी असुरक्षित होते जा रहा है। मुख्य मार्ग पर इन दिनों भारी संख्या में गायों का झुंड देखा जा सकता है। झुंड से इस व्यस्त मार्ग में दुर्घटना होना लाजिमी है। पिछली सरकार के कार्यकाल में गौठान योजना पूरे प्रदेश में प्रभावी रही थी प्रत्येक गांवो में बनने वाले इस गौठान में गायों की देखरेख से लेकर उनके खाने पीने उनके गोबर और गौ मूत्र तक की समुचित व्यवस्था बनाए जाने की स्कीम भले ही आज फ्लाप कहीं जा रही है लेकिन एक बात तो तय थी कि इन गौवंशो को भूखा नहीं रहना पड़ता था। आज पशु चारे पानी की तलाश में भटक रहे है। क्षेत्र में रबी फसल ली जा रही है जहां गाय खेतों में घुसकर फसल चौपट कर रही है। किसानों के भीतर अपनी फसलों की सुरक्षा को लेकर एक तरह का भय व्याप्त है। फसलों के रखरखाव में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। गांवों में जानवरों को घर में सुरक्षित रखना लगभग बंद है। पशु मालिक जानवरों को खुले में लावारिश जैसा छोड़ देते है।

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