
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। मोबाईल के लगातार बढ़ते उपयोग से साइबर माफिया नित्य नए नए तरीके से ठगी कर रहे है। इससे बचने के तय तरीके से तुरंत सक्रिय होवें। किसी भी प्रकार के साइबर ठगी में पैसा वापसी के लिए जितनी जल्दी हो सके हर दिन 24 घंटे चालू साइबर क्राइम पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 या 9479281934 डायल कर शिकायत करनी चाहिए। पोर्टल में शिकायत करना आम नागरिकों को मुश्किल है। इसलिए हेल्पलाइन के वाट्सअप नंबर 9479281934 में जानकारी देना आसान है। इसमें ठगी करने वाले का नाम, मोबाईल नंबर, जिस मोबाईल नंबर में पैसा का भुगतान किया, तारीख और समय भेजना होगा। इससे साइबर क्राइम रिर्पोट पोर्टल में अपराध पंजीयन होगा। ऑनलाइन एफआईआर के बाद आवेदक द्वारा सनत क्रियाशील और फालोअप रहना होगा। अपराध पंजीयन के बाद संबंधित थाने से ठग के अकाउंट और बैंक का जानकारी आवेदक को प्राप्त हो जाएगा। बैंक की जानकारी होने पर उस बैंकके वेबसाइट में जाकर कंप्लेंट के शीर्षक में अपना साइबर क्राइम कंप्लेंन नंबर और व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर, ठगी का दिनांक, ठगी का समय आदि सारी जानकारी आवेदक द्वारा बैंक को ईमेल करने की जरूरत है। बैंक आवेदक के ईमेल का सकारात्मक जवाब देगा और संबंधित ठग को नोटिस देगा। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर ठगी होने का पु्रफ होने पर वह ठग से जितना फ्रॉड किया उसे संबंध में एक शपथ पत्र और उसके खाते में उतना पैसा जमा करने के लिए बाध्य करेगा। इसलिए जरूरी है कि जो भी ठगी का शिकार हुआ है उसका प्रुफ के साथ में साइबर क्राइम में अपराध दर्ज की जाए और बैंक खाता का पता किया जाए और बैंक को सीधा सीधा व्यक्तिगत ईमेल किया जाए। पुलिस की जांच लंबी प्रक्रिया है लेकिन ठग के खाता जिस बैंक में है उसको ईमेल से साइबर क्राइम की जानकारी देना जरूरी है ताकि बैंक अपनी कार्यवाही करते हुए उतनी राशि ठग के खाते में होल्ड करके रखे और आवेदक को अंत में राशि रिफंड वापसी मिले। थोड़ी सी सक्रियता एवं प्रयास से ठगी के बाद भी ठगा गया पैसा वापस हो सकता है। ठगे जाने के बाद रोना-गाना न करें एवं बताए अनुसार तत्काल सक्रिय होने से बचा एवं ठग को सबक सिखाया जा सकता है।