
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। मई के अंतिम सप्ताह में होने वाला नवतपा इस वर्ष शनिवार 25 मई से प्रारंभ होगा। जो 2 जून तक एवं उसके उपरांत पंचक 3 जून से 7 जून तक रहेगा। प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में 9 दिन ऐसे होते है जिसमें भीषण गर्मी पड़ती है इन्हें नौतपा के नाम से जाना है। नौतपा के दौरान सूर्यदेव अपने पूरे चरम पर रहते है असहनीय आग बरसाते है। इंसानों के साथ प्रकृति पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। पेड़़-पौधे, तालाब सुखने लगते है। वहीं इस साल नौतपा आने वाले शनिवार 25 मई से शुरू होगा। इस दिन सूर्य रोहणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तथा नौतपा का समापन पंचक के पश्चात् 8 जून को होगा। इस दिन सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में चले जाएंगे। ये नौ दिन एवं पंचक के 5 दिन में धरती आग की तरह तपती है सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा का प्रारंभ हो जाता है। सूर्य ज्येष्ठ माह में 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते है जिसमें 9 दिन नौतपा रहता है। रोहिणी नक्षत्र में आते ही पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है इसलिए इस दिन भीषण गर्मी पड़ती है। नौतपा के दौरान सूर्यदेव का रूप बहुत ही प्रचंड स्वरूप में होते है। इसलिए लोगों को ठंडक पहुंचाने वाली चीजें जैसे तरबूज, खरबूज, आम सत्तू, शरबत, पंखा, छाता, जूते दान करना अच्छा माना जाता है। नौतपा में बेजुबान जानवरों, पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें पेड़ो को निरंतर जल दें। कहते है इससे सोया भाग्य जाग उठता है, नौतपा के दौरान मंदिर में कालीन या हरी घास की पट्टी लगवा दें। ताकि आने जाने वालों के पैर न जलें, ये छोटा सा काम आपकी तरक्की के रास्ते खोलता है।