लू लगने के लक्षण एवं बचाव के लिए उपाय

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार फिंगेश्वर अंचल सहित जिलें में भी औसत तापमान अधिक होने की संभावना है। अधिकांश भागों में लू-तापघात की स्थिति निर्मित हो सकती है। मौसम को ध्यान में रखते हुए लू-तापघात से आवश्यक तैयारी एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार किये गये है। इसमें लू के लक्षण एवं बचाव के कारण बताये गये है। लू के लक्षणों में सिर से भारीपान और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूचना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना, अधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख कम लगना तथा बेहोश होना आदि लू से बचाव के उपायों में लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी से ज्यादा देर तक रहने का कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता है। अतः इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए। धूप से निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पीए और अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान नरम मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। इसी प्रकार अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें। चक्कर आने, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें तथा शीतल पेयजल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र निशुल्क परामर्श लिया जाए और उल्टी, सरदर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह लिया जाए।

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