फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। 10 नवंबर रविवार को अक्षय नवमीं के दिन विश्णुजी और आंवले के पौधे की पूजा करना सुख-समृद्धिदायक माना गया है। हर साल कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि को अक्षय नवमीं मनाया जाता है। इसे आंवला नवमीं के नाम से भी जाना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 10 नवंबर को अक्षय नवमी है। नगर के पंडित दिनेश तिवारी ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमीं के दिन आंवले के पौधे की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। इससे परिवार सुख और संपन्न रहता है। इस साल आंवला नवमी पर धु्रव योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। जिससे इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस दिन आंवले का पेड़ लगाना भी बेहद शुभ माना गया है, लेकिन आंवले का पौधा लगाते समय वास्तु की कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। पं. दिनेश तिवारी ने बताया ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में आंवले का पौधा लगा सकते है। गुरूवार और शुक्रवार या अक्षय नवमीं के दिन आंवले के पेड़ लगाया जा सकता है। मान्यता है कि इससे घर की नेगेटिविटी दूर होती है। आंवले का पौधा लगाने के फायदे बताते हुए उन्होंने बताया कि आंवले के पौधा लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। मान्यता है कि वास्तु के अनुसार सही दिशा में आंवले का पेड़ लगाने से घर में मॉ लक्ष्मी का वास होता है। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए घर में आंवले को पेड़ लगाना लाभकारी माना जाता है।
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