झमाझम बारिश बनी फसलों के लिए संजीवनी, उमस भरी गर्मी से मिली राहत

भागवत दीवान 

कोरबा(गंगा प्रकाश)। पिछले 3 दिन से हो रही बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण अंचल को तरबतर कर दिया है। उमस भरी गर्मी से सूख रही फसलों को कंवार में हो रही बारिश ने संजीवनी प्रदान की है। अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं ।वहीं दूसरी ओर भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है। दुकान व मकानों में पानी घुसने की घटनाएं सामने आई हैं। आगामी दिनों में भी बारिश का अनुमान है। बारिश के कारण नदी नाले भी उफान पर हैं।

रविवार से जिले के कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश हो रही है। टीपी नगर मुख्य मार्ग पर नाली का पानी ओवरफ्लो होने से दुकानों के बरामदे तक पहुंच गया। चौक पर पानी बंद होने के काफी देर तक सडक़ पर पानी बहता रहा। मानसून अभी 3 दिनों तक अधिक सक्रिय रहने से बदली और बारिश होगी। सितंबर में खंड बारिश की वजह से अभी भी सामान्य से 7 प्रतिशत की कमी है।सितंबर में खंड बारिश हो रही है। इससे बारिश का औसत धीरे-धीरे बढ़ रहा है। 3 दिनों से बारिश नहीं होने से अधिकतम तापमान 34 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन रविवार की बारिश से 5 डिग्री घटकर 29 पर आ गया है। टीपी नगर में नाली का पानी सडक़ पर बहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से बुधवार के बीच कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश होगी। इससे तापमान में 1 डिग्री और गिरावट आ सकती है। बारिश होने से किसानों ने भी राहत की सांस ली है। धान की फसल को अभी और पानी की जरूरत है। अभी तक जिले में 957.4 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है। सामान्य बारिश 1021 मिलीमीटर है। इस हिसाब से अभी 93.8 प्रतिशत ही बारिश हुई है। कोरबा में सबसे कम 71.4 प्रतिशत बारिश हुई है। बाकी तहसीलों में 80 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। करतला और कटघोरा तहसील में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

दर्री बराज उफान पर

जिले के सभी क्षेत्रों में हो रही वर्षा ने सभी नदी, नालों के स्तर को बढ़ा दिया। मौजूदा स्थिति में हसदेव बैराज दर्री का जलस्तर 941.50 फीट पर पहुंच गया है। बारिश के असर को ध्यान में रखने के साथ हसदेव जल प्रबंध संभाग के द्वारा नियंत्रण के लिए काम किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी एसएन साय ने बताया कि वर्तमान स्थिति में दायी तट नहर से 3237 क्युसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा रहा है। जबकि बांयी तट नहर से 3126 क्युसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जाना जारी है। बारिश की स्थिति के आधार पर पानी छोडऩे की मात्रा में बदलाव किया जाना संभव होता है। बताया गया कि इस बारिश के सीजन में कई मौकों पर हसदेव बराज के कुछ गेटों को सामान्य स्तर पर खोलने की नौबत आयी। बारिश का सिलसिला अभी बना हुआ है। ऐसे में हसदेव नदी पर पानी का दबाव बढऩे और बैराज में कुल जल भराव क्षमता विरूद्ध ज्यादा संचयन होने पर गेट खोलने की स्थिति निर्मित हो सकती है। बताया गया कि मानसून सीजन के सक्रिय होने से पहले ही नदी के तटवर्तीय इलाके के लोगों को अवगत कराने का काम विभाग करता रहा है। ताकि अतिवृष्टि होने की स्थिति में परिसंपत्ति की सुरक्षा संभव हो सके।

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