“सिर्फ़ शादी का वादा… और तबाह हो गई एक ज़िंदगी”

जशपुर में झूठे प्यार की आड़ में महिला का वर्षों तक शोषण, आरोपी गिरफ्तार
जशपुर/छत्तीसगढ़ (गंगा प्रकाश)। प्रेम, वादा, भरोसा… और फिर विश्वासघात। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है उस महिला की, जिसकी ज़िंदगी को झूठे वादों और धोखे ने तबाह कर दिया। जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र में एक तलाकशुदा महिला के साथ शादी का झांसा देकर लगातार दैहिक शोषण करने वाले युवक अनूप एक्का (27 वर्ष) को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376(2)(n), और 450 के तहत अपराध दर्ज किया है।
एक मुलाकात, एक वादा… और फिर बर्बादी का सिलसिला
महिला की शादी वर्ष 2000 में हुई थी। विवाह से उसे पाँच बच्चे हुए, लेकिन 2012 में पारिवारिक कलह के चलते तलाक हो गया। वह अपने बच्चों के साथ संघर्षमयी ज़िंदगी जी रही थी।
14 सितंबर 2021 को एक निजी काम से गांव से बाहर गई महिला की मुलाक़ात गांव के ही युवक अनूप एक्का से हुई। युवक ने प्रेम का प्रस्ताव रखा। महिला ने पूरी ईमानदारी से बताया कि वह तलाकशुदा है और पाँच बच्चों की माँ है।
लेकिन अनूप के इरादे पहले से ही दूषित थे। उसने कहा – “मुझे तुम्हारा अतीत नहीं चाहिए, मैं तुम्हारे बच्चों को अपनाऊँगा, मैं तुमसे शादी करूँगा।”
महिला के इनकार और संकोच के बावजूद आरोपी उसी रात उसके घर पहुंचा और जबरन शारीरिक संबंध बना लिए। इसके बाद शुरू हुआ एक लंबा शोषण का दौर।
सिंदूर का धोखा, प्रेम का नाटक और विश्वास की हत्या
महिला को यक़ीन दिलाने के लिए आरोपी ने उसके मांग में सिंदूर भरकर शादी का नाटक किया, कई बार मंदिरों में साथ दिखा, और महिला को भरोसे में रखकर 17 अप्रैल 2025 तक संबंध बनाए रखे। महिला यह मान चुकी थी कि जल्द ही यह युवक उसे पत्नी का दर्जा देगा और सामाजिक रूप से उसे अपनाएगा।
लेकिन फिर एक दिन, जैसे उसकी दुनिया ही उजड़ गई।
उसने सुना कि अनूप एक्का ने चुपचाप किसी दूसरी युवती से शादी कर ली है। जब महिला ने फोन कर पूछा, तो आरोपी ने न केवल इस बात को स्वीकार किया, बल्कि यह भी कह डाला –
“अब मुझे तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना है, तुम जो करना चाहो कर लो।”
पुलिस का एक्शन – कानून का शिकंजा
अपमानित, आहत और पीड़ित महिला ने तुरंत फरसाबहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना प्रभारी विवेक कुमार भगत की अगुवाई में पुलिस ने तत्परता दिखाई और साक्ष्य जुटाना शुरू किया।
मेडिकल परीक्षण, डिजिटल साक्ष्य, और गवाहों के बयान के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया, जहाँ उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।
पुलिस टीम में शामिल सहायक उप निरीक्षक शांति प्रमोद टोप्पो, आरक्षक नीरज तिर्की, ईश्वर साय, और महिला आरक्षक बीरजीनिया टोप्पो की सटीक कार्यवाही से अनूप एक्का को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
जशपुर पुलिस की सख़्त चेतावनी – महिलाओं को न्याय मिलेगा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) शशि मोहन सिंह ने स्पष्ट कहा:
“हम महिला अपराधों को लेकर शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहे हैं। इस प्रकार के मामलों में अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। कानून के तहत सख़्त कार्रवाई होगी।”
सवाल बहुत हैं… जवाब समाज को भी देना होगा
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या एक अकेली, तलाकशुदा महिला समाज में महज़ एक ‘कमजोर’ शिकार समझी जाती है? क्या सिंदूर और शादी का झूठा वादा इतना सस्ता हो गया है कि कोई भी उसका उपयोग भावनाओं से खेलकर कर सकता है?
आख़िरी पंक्तियाँ:
यह सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि चेतावनी है —
“जो लोग प्यार की आड़ में छल करते हैं, उन्हें अब समाज नहीं, कानून जवाब देगा।”