चार सूत्रीय मांगों लेकर विरोध में उतरे भूविस्थापित 

रैली निकालकर भरी हुंकार , गेटजाम कर किया प्रदर्शन

भागवत दीवान 

कोरबा(गंगा प्रकाश)।  एसईसीएल के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा है । आंशिक अधिग्रहण सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने विजय नगर बस स्टॉप से गेवरा जीएम कार्यालय तक नारेबाजी के साथ रैली निकाली । महाप्रबंधक कार्यालय में गेट जाम कर प्रदर्शन किया । मांगों को लेकर उन्होंने प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के रलिया ग्राम इकाई के तत्वधान में घण्टो तक गेटजाम कर प्रदर्शन किया गया । एसईसीएल गेवरा प्रबंधन को रैली की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में सीआईएसएफ के जवानों को मुख्य गेट पर तैनात कर दिया गया । भूविस्थापितों की रैली ने मुख्य गेट के पास पहुंचते ही एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एक घंटे गेट को जाम कर दिया । प्रदर्शनकारी गेट पर ही बैठ गए और एसईसीएल के सक्षम अधिकारी को मौके पर ही बुलाने के लिए कहने लगे । कुछ समय बाद एसईसीएल गेवरा के नोडल अधिकारी अमिताब तिवारी अपने स्टाफ के साथ पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। इस दौरान ग्रामीणों ने आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि सात दिवस के भीतर पर मांगों को समाधान नहीं होने पर आठवें दिन एसईसीएल गेवरा परियोजना के खनन कार्य को अनिश्चित काल के लिए बंद करा दिया जाएगा । इस दौरान दीपक यादव , गोपाल बिंझवार , दिलहरण दास , दशरथ बिंझवार उदल राम यादव , विजय पाल सिंह तँवर , रूद्र दास महंत, संतोष दास महंत,  बसंत कंवर, संतोष चौहान ,बबीता आदिले ,अनसुइया राठौर , गजेंद्र सिंह ठाकुर , ललित महिलांगे सहित संगठन के पदाधिकारी तथा अनेक ग्रामीण शामिल थे ।

यह है प्रमुख मांगे 

1. रलिया के आंशिक अधिग्रहण को रोक लगाते हुए संपूर्ण अधिग्रहण करने

2. हैवी ब्लास्टिंग को कम कर नुकसानी का आंकलन व क्षतिपूर्ति देने

3. हाथी बाड़ी अमगांव चौक से सराईसिंगार चौक हरदीबाजार दीपका तक बाईपास रोड पर जाम को व्यवस्थित करने

4. ग्राम में ही स्वास्थ्य परीक्षण कर इलाज एवं दवाई की सुविधा 

आम सभा कर बनाई रणनीति

ऊर्जाधानी संगठन ग्राम रलिया इकाई के अध्यक्ष गोपाल बिंझवार , सचिव दीपक यादव ने कहा कि 2 दिन पूर्व ग्राम में ही बैठक कर समस्याओं के संबंध में आम सभा कर चर्चा की गई थी। जिसमें जिसमें आंदोलन की रणनीति बनाई गई है ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं प्रमुखता से रखी। समस्याओं के निराकरण को लेकर एसईसीएल के खिलाफ मोर्चा खोलने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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