जनसंख्या समानता ही भारत को अखण्ड बनाये रख सकता है –  आचार्य कमल नयन 

अरविन्द तिवारी 

अयोध्या (गंगा प्रकाश)।  आज यहाँ जानकी महल के प्रांगण में साहित्योदय के दो दिवसीय जन रामायण काव्यार्चन महोत्सव का उद्घाटन करते हुये देश के विख्यात विद्वान आचार्य संत कमल नयन दास ने कहा कि राम ही आज के झंझावात में सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने बताया कि चीन ने भविष्य को समझ लिया और जनसंख्या समानता को कड़ाई से लागू किया तो वह आज अखण्ड है जबकि रूस जो क्षेत्रफल में विश्व का सबसे बड़ा देश है , इसे समझ नहीं सका और आज टुकड़े टुकड़े हो गया है। इन परिस्थितियों में आज के साहित्य सेवियों का दायित्व बड़ा है। सत्र में अतिथियों का स्वागत राकेश रमण ‘रार’ तथा विषय प्रवेश प्रबंध निदेशक संजय करुणेश के द्वारा किये जाने के उपरान्त अतिथियों प्रख्यात साहित्यकार डॉ० उदय प्रताप सिंह , डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र तथा लोकप्रिय लोक गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी ने आयोजन के प्रमुख कार्यक्रम देश विदेश के 126 कवियों के द्वारा सम्मिलित रूप से दो खण्डों में रचित जन रामायण का लोकार्पण किया गया।  पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुये संस्थापक अध्यक्ष पंकज भूषण पाठक ने बताया कि कोरोना काल की त्रासदी से उबरने के लिये किया गया साहित्योदय समारम्भ आज किसी परिचय का मुहताज नहीं है। नवोदित रचनाकारों को लेकर आरम्भ हुई यह यात्रा आज सबके सहयोग विश्व कीर्तिमान बनाती हुई  आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर सुंदर प्रसंगों के गायन के साथ बोलते हुये श्रीमती मालिनी अवस्थी ने कहा कि वास्तव में लोक में राम कथा की जितनी गहराई और संवेदना से समायी है , वह चमत्कृत करती है। उन्होंने जन कवियों से इसे भावप्रवण ढंग से साहित्य में संजोने का आह्वान किया। सत्र की अध्यक्षता करते हुये डॉ० उदय प्रताप सिंह ने सभी रचनाकारों का उनके कार्य के लिये स्वागत किया तथा सबको इस उपलब्धि के लिये साधुवाद देते हुये कहा कि राम पर जितना भी कहा जाता है वह हमेशा नया लगता है , आप आगे भी अपनी सनातन शक्ति के उत्थान लिये सदैव सक्रिय रहें। जन रामायण के अलावा आज डॉ० सुमति दुबे का कथा संग्रह ललिता हँस रही है , डॉ० आर के मतंग की रचना सत्य है गुनाह तथा आते हैं मेहरबां , श्रीमती मनोरमा सिंह अंशु के काव्य संग्रह नंदन वन के गुलमोहर , सपनों का पारिजात तथा भावों की मंदाकिनी , श्रीमती पद्मा प्रसाद का काव्य संग्रह कस्तूरी तथा डॉ० ऋतु वर्मा की रचना मैं अनमनी सी का भी लोकार्पण हुआ। अवसर पर अतिथियों में भागवत पाठक तथा बेबाक जौनपुरी भी उपस्थिति रहे। 

इस सत्र का सुघड़ संचालन  सुप्रीति चावला ने किया तथा मंच के संरक्षक डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने बहुत सारगर्भित शब्दों में सबका धन्यवाद ज्ञापित किया। साहित्योदय का यह आयोजन अभी काव्य गोष्ठी से जारी है जो कल तक विभिन्न कार्यक्रमों के साथ चलता रहेगा। इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ से रश्मि लता मिश्रा , सीमा निगम , राममणि यादव , अशरफी लाल सोनी , अपराजिता शर्मा , नीता झा , डॉ० आरती उपाध्याय , भारती यादव ‘मेधा , शुभा शुक्ला तथा  अशरफी लाल सोनी , गोवर्धन बघेल , नलिनी बाजपेयी भी अपनी सहभागिता दर्ज कर रहे हैं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *