भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भाई दूज का पर्व

छुरा (गंगा प्रकाश)। भाई बहन के अटूट स्नेह का पर्व भाई दूज रविवार को छुरा सहित अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु की कामना की। भाइयों ने बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन लिया।

दीपोत्सव के पांचवे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। छुरा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ भाई दूज मनाया गया। सुबह से ही भाई बहनों के घर पहुंचने लगे थे।घरों में उल्लास का माहौल रहा। दीपावली की खुशियों के बीच भाईयों के घर आगमन पर हर्ष का माहौल देखने को मिला। भाई दूज से जुड़ी विभिन्न मान्यताएं परिवेश के अनुसार भिन्न-भिन्न रीति-रिवाज भी हैं।

ऐसा माना जाता है कि इस पर्व का प्रारंभ भगवान सूर्य के पुत्र-पुत्री यम-यमुना (भाई-बहन) के प्रेम से हुआ है। प्रत्येक पर्वो की तरह भाई दूज की भी अपनी पौराणिक मान्यता है।यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं 

अंचल में भी भाई दूज का पर्व के दिन लोगों में उत्साह दिखा। बाजारों में भी खासी चहल-पहल रही। मिठाइयों और गिफ्ट की दुकानों पर भी भारी भीड़ देखने को मिली।भाईबहन के प्यार का प्रतीक भाई दूज का पर्व रविवार को उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान भाइयों के माथे टीकों से सजे दिखाई दिए। दिन भर भाइयों का अपने बहनों के यहां टीका लगाने के लिए पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। माथे पर टीका लगाते हुए बहनों ने अपने भाइयों की सलामती दीघार्यु की दुआ मांगी।

बहन के घर भोजन करने का महत्व

मान्यता है कि यमुना ने भाई यम का इतने अच्छे से स्वागत किया कि भाई यम ने उसे खुश होकर वरदान मांगने के लिए कहा। वरदान में यमुना ने अपने भाई से कहा कि हर साल आप इस दिन मेरे घर आना। इसी को देख हर भाई-बहन ने भाई दूज को मनाना शुरू किया। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर टीका लगवाने लगे। इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं|मान्यता है कि यदि कोई भाई बहन के घर जाकर भोजन करता है तो वह अकाल मृत्यु से बच सकता हैं।

मंदिरों में की पूजा

भाई बहन के अटूट प्रेम को सूत्र में पिरोते इस त्योहार को जितना उत्साह बहनों में दिखा उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे। भाइयों ने भी अपनी बहनों को स्नेह स्वरूप उपहार दिए। बाजार में महिलाओं और युवतियों ने जमकर खरीदारी की। मंदिरों में इस मौके पर सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा। धनतेरस, छोटी दीपावली, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भैया दूज के साथ ही दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया।

बाजारों में दिखी रौनक

भाई दूज पर बाजारों में खासी भीड़ देखी गई विशेषकर मिठाईयां व उपहार की दुकानों में लोगों की अधिक भीड़ थी मिठाइयों की जमकर खरीदारी हुई दीपावली के बाद एक बार फिर से दुकानों के बाहर तरह-तरह की मिठाइयां सजी दिखाई दी और उनके खरीदारों का तांता लगा हुआ था भाई दूज के पर्व को लेकर वाहनों में भी खासी भीड़ थी विवाहित बहनों की ओर से भैया दूज का पर्व मनाने के लिए भाइयों के घर जाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था सड़कों पर खासी भीड़ देखी गई बसों में भी आम दिनों की अपेक्षा यात्रियों की संख्या अधिक थी

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *