मानव जीवन के अस्तित्व के लिये पर्यावरण संतुलन एवं संरक्षण आवश्यक – पुरी शंकराचार्य 

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

प्रयागराज (गंगा प्रकाश)। वर्तमान में मानव जीवन संक्रमण काल में व्यथीत है और व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर परेशान हैं। इसका मुख्य कारण है कि अंधाधुंध निर्माण कार्य के परिणाम स्वरुप पर्यावरण को प्रदूषित और कुपित कियाजा रहा है। इसलिये यदि शासन तन्त्र विकास कार्य चाहती हो तो वह सुनियोजित तथा पर्यावरण संतुलन के साथ क्रियान्वित होना चाहिये। जिससे मानव जीवनका  अस्तित्वभी सुरक्षित रह सके। उपरोक्त संदेश  ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामीश्री निश्चलानंद सरस्वतीजी महाभाग ने अपने तीन दिवसीय प्रयागराज प्रवास के दौरान स्वस्तिक गार्डन  ,गद्दुपुर फफामऊ में आयोजित संगोष्ठी में उद्घृत किया। एक जिज्ञासा के समाधान में शंकराचार्यजी ने कहा कि यदि भविष्य में मानव जीवन और सनातन धर्म की रक्षा करनी है तो सरकार विकास कार्यों को पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुये क्रियान्वित करे यही सम्पूर्ण दृष्टि से हितकर होगा । प्रत्येक व्यक्ति को वृहद स्तर पर जागरूक करना आवश्यक है कि स्वस्थ पर्यावरण जीवन को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। शंकराचार्यजी ने कहा कि यदि हम प्रकृति को नुकसान पहुंचायेंगे तो प्रकृति भी हमारा नुकसान करेगी। जब मानव जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो सनातन धर्म की रक्षा कैसे होगी। शंकराचार्यजी ने गोरक्षा के विषय पर कहा कि सरकार को चाहिये कि गौ माता की रक्षा के लिये अधिक से अधिक भूमि सुरक्षित रखकर उसका गोवंश संरक्षण में विधिवत उपयोग होता रहे इसकी सतत निगरानी की व्यवस्था भी अनिवार्य है। गौ माता की रक्षा होगी तभी सनातन धर्म आगे बढ़ेगा।

                                           गौरतलब है कि ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर एवं हिन्दू राष्ट्र प्रणेता अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज परम्परागत रूप से दीपावली पर्व पर श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी में निवासरत रहते हैं। पर्व पश्चात राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के अगले चरण में वे जगन्नाथपुरी से प्रस्थान कर नंदनकानन एक्सप्रेस द्वारा 05 नवम्बर मंगलवार को प्रात:कालीन सत्र में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुचेंगे। रेलवे स्टेशन पर स्वागत पश्चात वे सड़क मार्ग द्वारा निवास स्थल स्वस्तिक गार्डन , गद्दुपुर फफामऊ , प्रयागराज प्रस्थान किये। जहां पूज्यपाद शंकराचार्यजी का निवासस्थल पर सभी भक्तों को दर्शन , दीक्षा और संगोष्ठी का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। प्रयागराज प्रवास की कड़ी में श्रद्धालुगण संगोष्ठी के अंतर्गत महाराजश्री से धर्म – राष्ट्र तथा आध्यात्म से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं। प्रयागराज प्रवास के दूसरे दिन 06 नवम्बर को संध्याकालीन सत्र में रूद्र प्रयाग विद्या मन्दिर , आर०ए०एफ० के सामने , गेट नं० 02 शांतिपुरम , फफामऊ में आयोजित धर्मसभा में महाराजश्री का दर्शन एवं आध्यात्मिक संदेश श्रद्धालुओं को सुलभ रहा। प्रयागराज में आयोजित सभी कार्यक्रमों की समाप्ति पश्चात पुरी शंकराचार्यजी 07 नवम्बर को सायं चार बजे निवास स्थल से सड़क मार्ग द्वारा प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन प्रस्थान करेंगे। यहां से लगभग पौने छह बजे नौचण्डी एक्सप्रेस द्वारा प्रस्थान कर रात्रि दस बजे राष्ट्र रक्षा अभियान यात्रा के अगले चरण में लखनऊ पहुंचेंगे। उल्लेखनीय है कि पूज्यपाद पुरी शंकराचार्यजी अपनी राष्ट्र रक्षा अभियान यात्रा में हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी तथा आध्यात्मिक संदेश अंतर्गत सनातन संस्कृति , वर्णाश्रम व्यवस्था की सर्वकालीन महत्ता के संबंध में सभी सनातनी भक्त वृन्दों को अपने कर्तव्यपालन के प्रति सचेत तथा जागृत कर रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे एम्स दिल्ली , आई०आई०एम०अहमदाबाद , चांदीपुर रक्षा संस्थान , इलाहाबाद बार काउंसिल , विज्ञान संस्थान बेंगलोर , वैदिक गणित पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में उनके विषय के अनुरूप वैदिक शास्त्र सम्मत सिद्धान्तों की उपादेयता प्रतिपादित करते हैं। उनके द्वारा विरचित ग्रंथों में धर्म , अध्यात्म के अतिरिक्त वैदिक गणित से संबंधित तथ्य जो वैदिक शास्त्रों पर आधारित तथा दर्शन और व्यावहारिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण हैं , सनातन संस्कृति के अनुरुप हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उनके महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संदेशों के सैकड़ो अंश यूट्यूब पर भी उपलब्ध हैं , आवश्यकता इस बात की है कि वर्तमान संक्रमण काल के समय विश्व मानवता के एकमात्र रक्षक पुरी शंकराचार्यों के विचारों को श्रवण कर आत्मसात करें – तभी भावी विभिषिका से विश्व सुरक्षित रह सकेगा। इसकी जानकारी श्रीसुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने दी।

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