
महासमुंद (गंगा प्रकाश)। रायपुर से सरायपाली मार्ग पर चलने वाली बसों में आरंग का किराया, तुमगांव-पटेवा-झलप व पिथौरा का किराया 200 रुपए लिया जा रहा है। खास बात यह है कि दादागिरी के साथ वसूले जा रहे किराए की टिकिट भी दी जा रही है। बता दें कि प्रदेश में बसों के निजीकरण होने के बाद से निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी अपने चरम पर है। इसके अलावा बस परिचालक का सवारियों के साथ व्यवहार भी ठीक नहीं होता। कुछ यात्री इसकी शिकायत भी करते हैं, पर परिवहन व पुलिस विभाग कभी-कभी
औपचारिक कार्रवाई ही करते हैं। एक यात्री ने अपनी आपबीती में बताया कि वे तीन सवारी पिथौरा से आरंग जाने के लिए एक बस में बैठे थे। इस बस के शहर से निकलते ही कंडक्टर ने 200 रुपए प्रति व्यक्ति टिकिट के पैसे मांगे। सवारी ने जब किराया ज्यादा लेने की बात कही, तब कंडक्टर दुर्व्यवहार पर उतर गया और धमका कर तीन सवारी के 600 रुपए ले लिए और बकायदा टिकिट भी दी। पर, टिकिट में बस का नाम या नम्बर नहीं है, लिहाजा यात्री इस टिकट को भी फर्जी मान रहे हैं। ठीक इसी तरह का मामला अन्य स्थानों का भी है। झलप का 100 के स्थान पर 200, पटेवा 80 के स्थान पर 200 व पिथौरा 125 के स्थान पर 200 रुपए वसूले जा रहे हैं। बसों से यात्रियों को शहर से 2 किलोमीटर बाहर ओवरब्रिज के पास ही उतारा जा रहा है। कुछ यात्रियों द्वारा इसकी शिकायत अनेक बार परिवहन व पुलिस विभाग से की गई है, पर नतीजा अब तक सिफर ही है।