पत्रकारिता की गरिमा, समाजसेवा का सम्मान और एकता का संदेश

पत्रकारिता की गरिमा, समाजसेवा का सम्मान और एकता का संदेश: पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस समारोह बना प्रेरणा का प्रतीक

 

रायपुर (गंगा प्रकाश)। पत्रकारिता की गरिमा, समाजसेवा का सम्मान और एकता का संदेश : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी स्थित इंटरनेशनल मैक कॉलेज रविवार को एक ऐतिहासिक और प्रेरणास्पद आयोजन का साक्षी बना। पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित तृतीय वार्षिक स्थापना दिवस एवं पत्रकार परिवार सम्मान समारोह ना केवल एक संगठन के तीन वर्षों की यात्रा का उत्सव था, बल्कि यह आयोजन पत्रकारिता, समाजसेवा, मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों के सम्मान का भी जीवंत प्रतीक बन गया।

मुख्य अतिथि तुलसी कौशिक पत्रकारों को संबोधित करते हुए

 

मुख्य अतिथि का वक्तव्य: लोकतंत्र की आत्मा हैं पत्रकार

इस गरिमामयी समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के निज सहायक तुलसी कौशिक थे, जिन्होंने अपने ओजस्वी वक्तव्य में पत्रकारों की भूमिका को लोकतंत्र की आत्मा करार दिया। उन्होंने कहा—

“एक निष्पक्ष, निर्भीक और संवेदनशील पत्रकार समाज की आंख, कान और चेतना होता है। पत्रकार समाज को न केवल सूचना देता है, बल्कि उसकी आत्मा को झकझोर कर जागरूकता की मशाल भी थमाता है। आज पत्रकार महासंघ जैसी संस्थाएं इस संवेदनशील भूमिका को संस्थागत स्वरूप दे रही हैं, जो अत्यंत सराहनीय है।”

तुलसी कौशिक ने राज्य शासन की ओर से भी पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता जताई और पत्रकार महासंघ को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।

प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव

 

अध्यक्षीय उद्बोधन: संगठन नहीं, परिवार है पत्रकार महासंघ

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समारोह की अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने की। उन्होंने अपने संबोधन में तीन वर्षों की संगठनात्मक यात्रा, संघर्षों, उपलब्धियों और भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा—

“हमारा संगठन केवल पत्रकारों का मंच नहीं, बल्कि एक ऐसा परिवार है जिसमें संवाद, सहयोग, सुरक्षा और समर्पण की भावना है। पत्रकारों के साथ-साथ समाजसेवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का सम्मान, हमारी इस व्यापक सोच का प्रतिबिंब है कि समाज के हर सजग प्रहरी का योगदान अनमोल है।”

सुनील यादव ने घोषणा की कि महासंघ आगामी वर्ष में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर जनजागरण अभियान चलाएगा और ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाएगा।

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के निज सहायक तुलसी कौशिक

संगठन की शक्ति का संदेश: उपाध्यक्ष का जोशीला वक्तव्य

प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम कुरैशी ने स्वागत भाषण में स्पष्ट शब्दों में कहा—

“संगठन शक्ति है, और शक्ति से बुराइयों से लड़ा जा सकता है। अकेला पत्रकार सीमित हो सकता है, पर जब हम संगठित होते हैं तो हमारी लेखनी ही हमारी ढाल बन जाती है। महासंघ की यही भावना है—‘एकता में शक्ति’।”

उन्होंने इस मंच के माध्यम से उन पत्रकारों के योगदान को भी रेखांकित किया, जो सीमित संसाधनों में भी जमीनी सच्चाई तक पहुँचने का साहस करते हैं।

संगठन पत्रिका का प्रकाशन

सम्मान का समारोह: समाजसेवियों को भी दी गई मंच पर पहचान

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण वह सम्मान समारोह था, जिसमें प्रदेशभर से चयनित पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार सेनानियों एवं महिला सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका निभा रही महिलाओं को सम्मानित किया गया। इनमें कुछ प्रमुख नाम रहे—

  • लव कुमार रामटेके, संस्थापक, छत्तीसगढ़ मानव अधिकार संगठन — जिन्हें आदिवासी अधिकारों की रक्षा हेतु अनवरत संघर्ष के लिए सम्मानित किया गया।
  • मातामनी तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता — जिन्होंने महिला उत्पीड़न व पीड़ितों के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की है।
  • संजू यादव, लक्ष्य फाउंडेशन — जो बालिकाओं की शिक्षा और स्वावलंबन के लिए वर्षों से कार्यरत हैं।

इनके अलावा ग्रामीण और जिला स्तर पर उल्लेखनीय पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को भी मंच से सम्मानित किया गया, जिससे संगठन की जमीनी प्रतिबद्धता और स्पष्ट दिखाई दी।

स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ी

मंच संचालन और सांस्कृतिक समन्वय

कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन शिवलाल शर्मा ने किया, जिन्होंने अपने संयोजन और वक्तृत्व शैली से आयोजन में ऊर्जा और अनुशासन का समन्वय बनाए रखा। उनके संचालन में कार्यक्रम का हर चरण व्यवस्थित और प्रभावशाली बना रहा।

कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, गीत और कविता पाठ ने समारोह में सांस्कृतिक रंग भर दिए और यह कार्यक्रम केवल औपचारिक नहीं, बल्कि एक जीवंत उत्सव बन गया।

पदाधिकारीगण

संगठन की भावी योजना: पत्रकार सुरक्षा, महिला सेल और प्रशिक्षण शिविर

इस आयोजन के दौरान महासंघ ने आने वाले समय की योजनाओं की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। जिसमें प्रमुख बिंदु रहे—

  • ग्रामीण व जिला पत्रकारों हेतु मासिक कार्यशालाएं
  • महिला पत्रकार सेल का गठन
  • पत्रकार सुरक्षा कानून हेतु ज्ञापन अभियान
  • विधिक सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना
  • संगठन पत्रिका का प्रकाशन

इन घोषणाओं से कार्यक्रम केवल उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भविष्य के लिए ठोस दिशा और संवाद की शुरुआत भी बन गया।

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अंतिम कड़ी: सम्मान, संवाद और विदाई

कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों के सम्मान एवं सामूहिक आभार प्रकट करते हुए किया गया। पत्रकार महासंघ के पदाधिकारियों ने आयोजन में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों, पत्रकार साथियों, सामाजिक संगठनों, अतिथियों और महिला शक्ति को धन्यवाद ज्ञापित किया।

संगठन के अनुशासन समिति, संपादक प्रकोष्ठ, विधिक सलाहकार मंडल, समस्त जिलाध्यक्षगण और प्रदेश पदाधिकारीगण की उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक संपूर्ण संगठनात्मक संरचना की पहचान दी।

समापन टिप्पणी: एक उदाहरणात्मक आयोजन

पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ का यह स्थापना दिवस समारोह केवल एक संगठन का कार्यक्रम नहीं था, यह एक मंच था — जहाँ पत्रकारिता की गरिमा, समाज सेवा का सम्मान, महिला सशक्तिकरण का जयघोष और लोकतंत्र के मूल्यों की पुनः पुष्टि हुई।

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब पत्रकारिता सामाजिक सरोकारों से जुड़ती है, तो वह केवल ‘ख़बर’ नहीं बनती, वह समाज के लिए ‘प्रेरणा’ बन जाती है।

पत्रकार सुरक्षा कानून हेतु ज्ञापन अभियान

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