
बलौदाबाजार (गंगा प्रकाश)। संपत्ति संबंधी अपराध साइबर फ्रॉड धोखाधड़ी आदि अपराधों के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं में बैंक प्रक्रिया में देरी या अन्य कई कारणों से अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाते है तथा कई अवसरों पर ठगी की रकम पीडित को नहीं मिल पाती। ऐसे कई मौकों पीडितों का भरोसा जीतना मुश्किल हो जाता है। *अपराध विवेचना, साइबर ठगी के मामलों में बैंक प्रबंधन की ओर से अनावश्यक विलंब आदि कारणों को दूर करने के संबंध में परिचर्चा करने एवं तत्संबंध में सार्थक उपायों को अमल में लाने के लिए आज दिनांक 20.06.2023 को प्रातः 11:00 से पुलिस कार्यालय सभाकक्ष में संवेदनशील एवं जनहितैषी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार दीपक कुमार झा की अध्यक्षता में जिले के सभी बैंक प्रबंधकों की बैठक आयोजित* की गई, जिसमें जिले के बलौदाबाजार, भाटापारा, पलारी, कसडोल, लवन, सिमगा आदि शहरों में स्थित एसबीआई, एचडीएफसी, एक्सिस, यूको, जिला सहकारी एवं अन्य बैंकों में कार्यरत प्रबंधक एवं अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित हुए।
बैठक के प्रारंभ में अभिषेक सिंह उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय एवं निरीक्षक अमित तिवारी थाना प्रभारी द्वारा विवेचना संबंधी कार्यों एवं धोखाधड़ी के मामलों में रकम होल्ड कर, रकम वापसी में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को उपस्थित बैंक प्रबंधकों के समक्ष रखा गया। तत्पश्चात उपस्थित बैंक अधिकारियों से इन दिक्कतों को कैसे दूर किया जाए एवं उक्त प्रक्रिया के सरलीकरण के संबंध में उपायों को सामने लाया गया। कई मामलों में बैंक की प्रक्रिया जटिल होने, अनावश्यक विलंब होने से अपराधी तो पुलिस की पकड़ से बाहर हो ही जाता है इसके अलावा पीडित को ठगी गई रकम भी नहीं मिल पाती, जिससे पीडित निराश होता है। साइबर ठगी के मामलों में प्रक्रिया को और अधिक तेज कर, अकाउंट तत्काल होल्ड कर पीडित को रकम वापस दिलाने के के संबंध में चर्चा की गई। साइबर सेल से आरक्षक हेमंत नायक द्वारा साइबर सुरक्षा, अपराधियों द्वारा वर्तमान में अपनाए जाने वाले आनलाईन माध्यमों से साइबर अपराधों के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा ने बैठक में कहा कि पुलिस और बैंक प्रबंधन एक डोर के दो हिस्से है। दोनों विभागों के आपसी सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने से प्रक्रिया और भी बहुत आसान होगी तथा साइबर फ्राड के मामलों में शत-प्रतिशत सफलता मिल सकती है। इसके साथ ही आमजनों का विश्वास पुलिस एवं बैंक प्रबंधन की ओर और भी मजबूत होगा। बैठक में उपस्थित बैंक अधिकारियों द्वारा भी बैंक में होने वाली व्यवहारिक समस्याओं, बैंकों सुरक्षा आदि सुरक्षा बिंदु रखा गया। उक्त सुरक्षा बिंदुओं के आधार पर पुलिस द्वारा बैंकों में आवश्यक सुरक्षा प्रबंध किया जाएगा। बैठक के अंत में श्री दीपक कुमार झा द्वारा सभी बैंक प्रबंधको को अपने बैंक के भीतर एवं बाहर उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरा की उपलब्धता पर बल देते हुए कहा कि इससे बैंकों में किसी भी प्रकार की गडबडी करने, उठाईगिरी करने वाले लोगों की पहचान करने में बहुत मदद मिलती है। साथ ही रात्रि के समय सीसीटीवी कैमरों से बैंक की निगरानी करने में भी आसानी होगी। विभिन्न शासकीय योजनाओं का पैसा लाभार्थियों को प्रदान करने के दौरान बैंकों में खासकर जिला सहकारी बैंक में लोगों की बहुत भीड़ जमा हो जाती है, यह उठाईगिरी गिरोह के लिए बहुत ही आसान टारगेट होता है। इसी भीड़ का फायदा उठाकर चोर घटनाओं को अंजाम देते है। ऐसे मौकों पर बैंक में भीड़ की संभावना बनती है, तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने हेतु आवश्यक हिदायत दिया गया है।